Thursday 9 August 2018

ओम नम: शिवाय का अर्थ





                    ओम नम: शिवाय का अर्थ


Image result for om namah shivay


 

                  ऊं नम: शिवाय’ की पुराणों में बहुत महिमा बताई गई है। भगवान शिव की पूजा के लिए उनके इस षड्क्षर मंत्र का जप सभी बाधाओं से मुक्ति देता है। प्रणव मंत्र ‘ऊं’ के साथ ‘नम: शिवाय’ (पंचाक्षर मंत्र) का जप करने पर यह षड्क्षर मंत्र बन जाता है।

Image result for om namah shivay
  • शिव महापुराण के अनुसार इस मंत्र की महत्ता का वर्णन 100 करोड़ साल में भी संभव नहीं है। वेद और शैवागम में इस मंत्र को शिवभक्तों की सर्वमनोकामना पूर्ण करने वाला बताया गया है। इस लेख में आगे जानिए ‘ऊं नम: शिवाय’ का महत्व।
  • वैसे तो ‘ऊं नम: शिवाय’ में कम ही अक्षर हैं लेकिन वेदों में इसे महान अर्थ से संपन्न मंत्र बताया गया है। इसे वेदों का सारतत्व भी भी कहा गया है। प्राचीन काल में ऋषियों ने इस मंत्र को मोक्षदायी, शिवस्वरूप और स्वयं शिव की आज्ञा से सिद्ध माना है।Image result for om namah shivay
  • ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र विभिन्न प्रकार की सिद्धियों से युक्त है। यह शिवभक्तों के मन को प्रसन्न एवं निर्मल करने वाला मंत्र है। इसका जप करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इसका उल्लेख शिव पुराण में मिलताImage result for om namah shivay
  • कहते हैं ऊं नम: शिवाय मंत्र इतना सर्वशक्तिमान और ऊर्जा से परिपूर्ण है कि इसका जन करने से ही प्राणी के समस्त दुखों का विनाश और मनोकामना पूरी हो जाती है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी। लिंग का अर्थ है सृजन। सृजनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिन्ह के रूप में लिंग की पूजा की जाती है।Image result for om namah shivay

No comments:

Post a Comment